मन मस्तिष्क और शरीर का संतुलन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और प्रसन्नता देता है'- प्रशिक्षक ----- Tejinder Kainth
'आर्ट आफ लिविंग' की कार्यशाला भेल में आरम्भ
'मन मस्तिष्क और शरीर का संतुलन शारीरिक और
मानसिक स्वास्थ्य और प्रसन्नता देता है'-
'आर्ट आफ लिविंग' के हरिद्वार चैप्टर द्वारा आयोजित की जा
रही पांच दिवसीय 'प्रसन्नता एवं
तनाव प्रबंधन' कार्यशाला आज
से भेल के सेक्टर - 1 स्थित सामुदायिक केन्द्र में प्रारंभ हुई। इस कार्यशाला में
बड़ी संख्या में विद्यालयी छात्र-छात्रों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में प्रतिभागी
लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कुछ प्रतिभागी ऐसे भी हैं, जो पहले भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। कार्यशाला प्रारम्भ करते हुए हरिद्वार
चैप्टर के मुखिया तथा प्रशिक्षक श्री तेजिन्दर सिंह कैंथ ने प्रतिभागियों कों
श्वांस लेने के बेहतर तरीक़ों के बारे में जानकारी देते हुए जीवन जीने की कला में
इन विभिन्न तरीकों के महत्व के बारे में समझाते हुए अनेक छोटे-छोटे प्रयोग कराये।
उन्होंने बताया कि श्वांस ग्रहण करने व छोड़ने के ग़लत तरीकों को अपनाए जाने के
कारण हम अपने फेफड़ों की वास्तविक क्षमता का केवल तीस प्रतिशत ही प्रयोग कर पाते
हैं। उन्होंने कहा कि मन-मस्तिष्क, शरीर और आत्मा मिल कर हमारे मानसिक और
शारीरिक स्वास्थ्य और अवस्था का निर्धारण करते और यही संतुलन हमारे तनाव और
प्रसन्नता का मुख्य कारण होता है। सुदर्शन क्रिया हमें यही संतुलन प्रदान करती है
तथा हमारी बहुमुखी प्रगति, शांति और आनंद की खोज करने में मदद करती है। श्री तेजिन्दर सिंह
कैंथ, जो अब तक विगत सत्रह वर्षों में लगभग
ग्यारह हजार से भी अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं, ने बताया कि, यद्यपि इस कार्यशाला में शारीरिक व्यायाम
तथा विभिन्न ध्यान योगों का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जाता है, लेकिन इस समूचे कार्यक्रम की प्रमुख
विशेषता 'सुदर्शन क्रिया' है। यह लयात्मक श्वसन पर आधारित एक
आत्मशोधन प्रक्रिया है, जिसके लगातार अभ्यास से व्यक्ति तनाव से मुक्ति तो पाता ही है
साथ ही यह शरीर से रासायनिक विकार व मानस में गहरे उतरे शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक अवरोधों को दूर करता
है। इस प्रक्रिया से अनिद्रा, सिरदर्द, दौरे पड़ने, चक्कर आने, डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप, तनाव, चिन्ता, मधुमेह, दमा, साइनस, फेफड़ों में पानी भरने तथा ट्यूबरक्लासिस
(टी.बी.) जैसे रोगों के रोगियों को विशेष लाभ होता है।
कार्यशाला के आयोजन
में अमित खन्ना, कु. अदिति, अरुण कुमार पाठक, भूपेन्द्र कुमार गौड़, अंकित चौहान, रोहित गौतम और पूनम शर्मा ने प्रमुख रूप से
सहयोग किया। Tejinder Singh KainthIncharge Uttarakhand art of living
chapter Haridwar
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